वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-
लखनऊ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व संग्रह में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ ही तकनीकी दक्षता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कर चोरी राष्ट्रीय क्षति है, इसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा।
विभागीय स्तर पर कर चोरी रोकने के लिए कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग बढ़ाते हुए कर संग्रह व्यवस्था को मजबूत करने को कहा है।
सीएम ने राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक की-
शुक्रवार को राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में सहभागी बनें। कर प्रणाली में नवाचारों को अपनाएं और ईमानदार करदाताओं को हरसंभव सुविधा व सम्मान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जोन जैसे गौतमबुद्ध नगर, अयोध्या, लखनऊ द्वितीय, अलीगढ़, कानपुर प्रथम और झांसी ने अप्रैल महीने में 60 प्रतिशत से अधिक राजस्व लक्ष्य हासिल कर सराहनीय कार्य किया है। लखनऊ द्वारा 71.66 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया। उन्होंने कहा कि वाराणसी, इटावा, गोरखपुर, कानपुर द्वितीय और आगरा जैसे जोन में कारपोरेट सर्किलों में और अधिक परिणाम हासिल करने की कोशिश की जाए।
मुज़फ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर और जालौन के कुछ सेक्टरों में भी सुधार की आवश्यकता है। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ठोस और क्षेत्रीय कार्ययोजना बनाकर निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करें।
सीएम ने कॉन्फ्रेंसिंग से अधिकारियों से बातचीत की-
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एडिशनल कमिश्नरों से संवाद करते हुए अधीनस्थ अधिकारियों, कार्मिकों की उपलब्धता की जानकारी हासिल ली। अधिकारियों को निर्देशित किया कि व्यापारियों से सतत संवाद बनाये रखें।
विभागीय अधिकारियों को दिए ये निर्देश-
विभागीय अधिकारियों से कहा कि वह तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें। आईटी टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का अधिकाधिक उपयोग करते हुए कर संग्रहण क्षमता बढ़ाएं। इनके जरिए करदाताओं को सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद अनुभव भी दें।
इस बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य कर विभाग ने एक लाख 14 हजार 637.54 करोड़ रुपये का संग्रहण किया। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बीते अप्रैल में 9,986.15 करोड़ रुपये जीएसटी/वैट का संग्रह हुआ। इस वसूली पर संतोष व्यक्त किया गया। आने वाले महीनों में लक्ष्य के मुकाबले वसूली और बेहतर किए जाने के निर्देश दिए गए।